87+ Best kis baat ki saza de rahe ho shayari

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kis baat ki saza de rahe ho shayari

Shayari चुंबक की तरह हैं अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह कई उपयोगकर्ताओं को आपकी पोस्ट की ओर आकर्षित कर सकता है। इसलिए आपकी पोस्ट की पहुंच को अधिकतम करने में आपकी मदद करने के लिए हमने kis baat ki saza de rahe ho shayari का एक संग्रह तैयार किया है।

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kis baat ki saza de rahe ho shayari

kis baat ki saza de rahe ho shayari

किस बात की सजा दे रहे हो,
यूँ दूर होकर हमें तड़पा रहे हो।

खामोश रहकर भी कह रहे हो बहुत कुछ,
मगर हम तुम्हारी खामोशी नहीं समझ पा रहे हो।

वो प्यार की बातें, वो मीठी सी यादें,
अब बस ख्वाब बनकर रह गए हैं।

दिल से दिल की दूरी क्यों बढ़ा रहे हो,
किस बात की सजा दे रहे हो?

तुम्हारे बिना हर लम्हा सूना सा लगता है,
जैसे बिन धड़कन के दिल धड़कता है।

खुदा से बस एक ही दुआ मांगते हैं,
तुम वापस आ जाओ, ये सजा ख़त्म हो जाए।

किस बात की सजा दे रहे हो,
इतना कह दो, हमें अपना गुनाह तो पता चल जाए।

किस बात की सजा दे रहे हो,
यूँ खामोश रहकर हमें रुला रहे हो।

दिल ने जिसे चाहा, वही दूर हो गया,
किस बात की सजा दे रहे हो, ये क्यों कह रहा हो खुदा।

ये दूरी का आलम समझ नहीं आता,
किस बात की सजा दे रहे हो, बताओ तो सही।

यूँ तन्हा छोड़ कर, तुम क्यों जा रहे हो,
किस बात की सजा दे रहे हो, ये समझ नहीं आ रहा।

मोहब्बत में ये कैसी अज़ीब रिवायत है,
किस बात की सजा दे रहे हो, कुछ तो हकीकत है।

दिल तोड़ कर यूँ चले गए हो,
किस बात की सजा दे रहे हो, क्यों दूर हो गए हो।

आँखों से आंसू झलकते हैं,
किस बात की सजा दे रहे हो, ये दिल अब भी धड़कते हैं।

चुपचाप रहकर भी बहुत कुछ कह रहे हो,
किस बात की सजा दे रहे हो, ये जान ना पाए।

दिल में अरमान थे जो सारे बुझ गए,
किस बात की सजा दे रहे हो, क्यों रूठ गए।

तुम्हारी यादें हमें तड़पाती हैं,
किस बात की सजा दे रहे हो, ये रातें हमें सताती हैं।

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